2024 में यह 8 Bullish Chart Patterns देंगे तगड़ा मुनाफा

sushant

Staff Author/ Writer

2023 में यह 8 Bullish Chart Patterns देंगे तगड़ा मुनाफा
 
 
 

Best Bullish Chart Patterns for 2024

क्या आप एक ट्रेडर या इन्वेस्टर है जो हमेशा बदलते शेयर मार्किट में अपने प्रॉफ़िट्स को डबल करना चाहते है? या फिर आप अपने लॉसेस को कवर और प्रॉफ़िट्स को डबल करने के तरीके धुंध रहे है। साथियों शेयर बाजार की जटिलताओं को नेविगेट करना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर तब जब Bullish Chart Patterns की पहचान वोह भी लाइव मार्किट में करने की बात आती है, जो आपके निवेश और ट्रेडिंग पर महत्वपूर्ण रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं।
 
 
लेकिन अब आपकी चिंता यही समाप्त हुई क्यूंकि आज हम आपको 2024 के सबसे बेस्ट टॉप 8 Bullish Chart Patterns को डिटेल में बताने बाले है जिससे आपको अपने प्रॉफ़िट्स को डबल करने में मदद मिल सकती है। साथियों इन Bullish Chart Patterns को समझकर, आप बाजार में बढ़त हासिल कर सकते हैं और अच्छी तरह से informed ट्रेडिंग डिसिशन ले सकते हैं।
 
 
चाहे आप एक बिगिनर ट्रेडर हो या फिर एक्सपर्ट ट्रेडर, इन्वेस्टर, इस लेख को पढ़ने के बाद आपके पास एक क्लियर कट अंडरस्टैंडिंग होगा जिससे आप अपनी स्टॉक मार्किट ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग की जर्नी को नेक्स्ट लेवल पर ले जा सकते है और मोटा प्रॉफिट कमा सकते है ।
 
 
साथियों इस आर्टिकल को लिखने से पहले हमने 2024 के लिए टॉप 8 Bullish Chart Patterns की इस लिस्ट को तैयार किया है। इस लिस्ट को तैयार करने के लिए हमने डीप रिसर्च किया है । हमने हिस्टोरिकल मार्किट डाटा को विस्लेशन किया तथा उन Bullish Chart Patterns को स्टडी किया है जिन्होंने लगातार हाई एक्यूरेसी के साथ सफलता दिखाई है, जो की रिलाएबल और विश्वसनीय चार्ट पैटर्न है । तोह चलिए एक-एक करके समझते है ।
 
 
 

चार्ट पैटर्न क्या है ?

आगे बढ़ने से पहले हम यह समझ लेते है की असल में चार्ट पैटर्न क्या है? साथियों दरअसल चार्ट पैटर्न ट्रेडिंग चार्ट पर बनने वाले पैटर्न्स को चार्ट पैटर्न कहा जाता है । चार्ट पैटर्न्स प्राइस में होने वाले बदलाबों को पहले ही इंडीकेट कर देता है, और यह मार्किट का सपोर्ट और रेजिस्टेंस को चार्ट पर प्रदर्शित करता है। ट्रेडर और इन्वेस्टर इन चार्ट पैटर्न्स को यूज़ करके अपने ट्रेडिंग को प्रॉफिटेबल बनाते है, चार्ट पैटर्न स्टॉक मार्किट में टेक्निकल एनालिसिस का एक हिस्सा है ।
 
 
 

चार्ट पैटर्न मुख्य कितने प्रकार के होते है ?

स्टॉक मार्किट की इस दुनिया में चार्ट पैटर्न के मुख्य रूप से 3 प्रकार होते है जैसे की

  1. रिवर्सल चार्ट पैटर्न- Reversal Chart Pattern
  2. न्यूट्रल चार्ट पैटर्न – Neutral Pattern
  3. कंटीन्यूएशन चार्ट पैटर्न- Continuation Pattern
 

साथियो हमने जाना की चार्ट पैटर्न मुख्य रूप से 3 प्रकार के होते है, चलिए अब हम इन्हे एक -एक करके आसान भाषा में समझते है ।

 
1. रिवर्सल चार्ट पैटर्न– साथियों रिवर्सल चार्ट पैटर्न वोह चार्ट पैटर्न होते है, जो मार्किट में आने वाले संभावित रिवर्सल को पहले ही इंडीकेट कर देते है, चलिए इसे एक उदहारण से समझते है, जब कभी भी मार्किट अपट्रेंड यानि बुलिश होता है तब यह चार्ट पैटर्न मार्किट गिरने का संकेत देता है । वैसे ही इसका उल्टा Downtrend में होता है ।
 
 
 
2. न्यूट्रल चार्ट पैटर्न -इस चार्ट पैटर्न में मार्किट की दिशा उसी तरफ निकलती है जिस तरफ चार्ट ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन देता है, न्यूट्रल चार्ट पैटर्न न ही बुलिश होता है और न ही बेयरिश यह तोह मार्किट में बनने वाले चार्ट पैटर्न के ब्रेकआउट और ब्रेकडाउन पर निर्भर करता है ।
 
 
 
3. कंटीन्यूएशन चार्ट पैटर्न– साथियों कंटीन्यूएशन चार्ट पैटर्न एक ऐसा चार्ट पैटर्न है जो बताता है की अगर मार्किट अपट्रेंड में है तोह आगे भी मार्किट अपट्रेंड में ही रहेगी, वैसे ही जब मार्किट Downtrend में हो, तोह आगे भी मार्किट डाउन ट्रेंड में ही रहेगी ।
 
 
साथियो इन तीनो चार्ट पैटर्न के प्रकार के अंदर और भी कई सारे चार्ट पैटर्न आते है, लेकिन आज हम मुख्या रूप से सिर्फ Top 8 Bullish Chart Patterns for 2024 के बारे में बात करेंगे ।
 
 
 

1. असेंडिंग ट्रायंगल चार्ट पैटर्न

Ascending Triangle
 
असेंडिंग ट्रायंगल एक बुलिश कंटीन्यूएशन चार्ट पैटर्न है, असेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न कैसे बनता है? तोह साथियों असेंडिंग ट्रायंगल पैटर्न तब बनता है जब प्राइस, स्टॉक या फिर इंडेक्स अपने अपट्रेंड में हो, जिसमे ऊपर की और एक फ्लैट रेसिस्टेन्स और निचे की और एक राइजिंग लोअर Trendline बनता है, जब प्राइस मूव होते -होते इसके अंदर कॉन्सोलिडेट होने लगता है तब जाकर इस पैटर्न का निर्माण होता है 
 
 
यह पैटर्न स्ट्रांग अपट्रेंड कंटीन्यूएशन की और संकेत करता है, यह चार्ट पैटर्न ट्रेडर और इन्वेस्टर द्वारा भारी मात्रा में यूज़ किया जाता है जिसकी सक्सेस प्रोबेबिलिटी यानि ( सम्भावना) लगभग 72.77% तक होता है
 
 

असेंडिंग ट्रायंगल चार्ट पैटर्न में ट्रेड कैसे ले?

असेंडिंग ट्रायंगल चार्ट पैटर्न में ट्रेड लेने के लिए सबसे पहले चार्ट पैटर्न को सही से बनने दे, उसके बाद असेंडिंग ट्रायंगल चार्ट पैटर्न के ब्रेकआउट होने का इंतज़ार करे, जैसे ही चार्ट ऊपर की और ब्रेकआउट दे उसके जस्ट अगले कैंडल में ट्रेड ले, उसके बाद सपोर्ट लाइन के ठीक नीचे स्टॉप-लॉस प्लेस करे। टारगेट असेंडिंग ट्रायंगल चार्ट पैटर्न की हाइट को मापकर ऊपर की और टारगेट सेट करे, चाहे तोह आप अपने Risk To Reward Ratio के हिसाब से भी टारगेट सेट कर सकते है 
 
 

क्या चार्ट पैटर्न 100% काम करता है?

नहीं, चार्ट पैटर्न 100% काम नहीं करता इनकी प्रोबेबिलिटी 60 से लेकर 90 % तक होता है  इसलिए सिर्फ एक स्ट्रेटेजी पर कभी निर्भर न रहे ।
 
 
 
 

2. कप और हैंडल चार्ट पैटर्न

कप और हैंडल पैटर्न एक बुलिश कंटीन्यूएशन चार्ट पैटर्न है जो कप और हैंडल की आकृति के आकार का होता है । यह पैटर्न तब बनता है जब कोई स्टॉक या फिर इंडेक्स अपने अपट्रेंड में हो यानि बुलिश हो । यह पैटर्न यह संकेत देता है की मार्किट की दिशा आगे भी बुलिश यानि अपट्रेंड में ही रहने वाली है ।
 
 

कप और हैंडल पैटर्न का निर्माण कैसे होता है?

 
कप और हैंडल पैटर्न तब बनता है जब मार्किट या स्टॉक अपने स्ट्रांग अपट्रेंड में होता है, उसके बाद यह पहला रेसिस्टेंट लेकर निचे गिरने लगता है । फिर उसके बाद प्राइस एक अर्धगोलाकार आकृति के अंदर ही मूव करता रहता है, जोकी एक सपोर्ट की तरह काम करता है ।
 
जिसे एक कप के रूप में चार्ट पर देखा जा सकता है। उसके बाद प्राइस फिर अर्धगोलाकार से होते हुए अपने दूसरे रेसिस्टेंट तक जाता है तब जाकर कप और हैंडल का निर्माण होता है जैसा की आप ऊपर इमेज में देख सकते है ।
 
जब कप और हैंडल पैटर्न में चलने वाला प्राइस अपना दूसरे रेसिस्टेंट बनाता है तब यह थोड़ा ऊपर निचे या बराबर भी हो सकता है ।
 
फिर प्राइस रेसिस्टेंट से निचे गिरने लगता है जो की एक सिमा का निर्माण करता है जिसे हम हैंडल कहते है । और अंत में हैंडल का ब्रेकआउट होता है, जो हमें यह बताता है की स्टॉक या इंडेक्स आगे भी अपने अपट्रेंड में रहने वाली है, इस समय वॉल्यूम भी हाई होता है ।
 
 

कप और हैंडल पैटर्न के साथ ट्रेड कैसे ले?

कप और हैंडल पैटर्न के साथ ट्रेड लेने से पहले आपको इस चार्ट पैटर्न को चार्टिंग सॉफ्टवेयर पर ढूँढना है उसके बाद आपको दोनों रेसिस्टेंट के पॉइंट से एक ट्रेंड लाइन खींचनी है । जिससे आपको पैटर्न को पहचानना आसान हो जाए ।

 

एंट्री 

इसमें एंट्री तब लेना है जब कीमत कप के ऊपर बने रेजिस्टेंस लेवल से ऊपर टूट जाती है तो आप ट्रेड शुरू कर सकते हैं ।

 
 

स्टॉप-लॉस

इसमें खरीददारी करने के बाद आप स्टॉप-लॉस को हैंडल के नीचे सेट कर सकते है या फिर जिस कैंडल में आप एंट्री करे उसके जस्ट पिछले कैंडल के लौ को आप स्टॉपलॉस लेकर चल सकते है ।
 
 

टारगेट

इस चार्ट पैटर्न में टारगेट को आमतौर पर कप की गहराई और उसके पहले रेसिस्टेंट के बिच की हाइट को मापकर आप टारगेट सेट कर सकते है, या फिर आप अपने रिस्क और रिवॉर्ड के हिसाब से भी टारगेट सेट कर सकते है ।
 
 

3. डबल बॉटम चार्ट पैटर्न

डबल बॉटम चार्ट पैटर्न
 
डबल बॉटम चार्ट पैटर्न एक ऐसा स्ट्रांग चार्ट पैटर्न है जो ट्रेडर्स के बिच काफी लोकप्रिय है, जिसे आम अंग्रेजी के लेटर W के द्वारा जाना जाता है, तथा यह एक स्ट्रांग बुलिश रिवर्सल पैटर्न है ।
 
यह पैटर्न आमतौर पर एक डाउन ट्रेंड में बनता है, जिससे यह पता चलता है की अब स्टॉक या इंडेक्स में एक शार्प रिवर्सल आ सकती है ।
 
डबल बॉटम चार्ट पैटर्न एक कॉमन चार्ट पैटर्न है जो ज्यादातर चार्ट्स पर बनता हुआ दीखता है, इस चार्ट पैटर्न की सक्सेस संभावना यानि सफल होने की प्रायिकता लगभग 78.55% तक होती है । इसलिए भी इसे एक स्ट्रांग Bullish Chart Patterns के रूप में जाना जाता है ।
 
 

डबल बॉटम पैटर्न का निर्माण कैसे होता है?

डबल बॉटम पैटर्न तब बनता है जब स्टॉक्स या इंडेक्स की कीमत अपने डाउन ट्रेंड में लगातार निचे गिर रहा होता है । प्राइस गिरकर एक स्ट्रांग सपोर्ट लेवल बनता है जहा अब खरीददार यानि Buyers सेलर से अधिक मात्रा में एक्टिव है ।
 
 
इस वजह से प्राइस वापस बाउंस होकर अपने पहले रेसिस्टेंट तक जाती है, फिर प्राइस गिरकर अपने सपोर्ट से वापस ऊपर की और निकलता है, इस बार प्राइस अपने दूसरे रेसिस्टेंट को ब्रेक कर एक शार्प Upside रैली देती है। इस प्रकार से डबल बूटों चार्ट पैटर्न का निर्माण होता है ।
 
 
 

डबल बॉटम में एंट्री कैसे ले?

सबसे पहले चार्ट पर पैटर्न को पहचाने उसके बाद एक रेजिस्टेंट लाइन और एक सपोर्ट लाइन खींचे उसेक बाद W पैटर्न बनाये उसके बाद आप उस स्थिति में आप एंट्री ले सकते हैं जब कीमत पैटर्न की नेकलाइन को ब्रेक कर जाती है ।
 
 

स्टॉपलॉस कैसे लगाए?

इसमें खरीददारी करने के बाद आप स्टॉप-लॉस को दूसरे बॉटम के नीचे प्लेस करना है। जिससे होने वाले नुक्सान को काम किया जा सके क्युकी जैसा की हम जानते है चार्ट पैटर्न्स कभी भी 100% काम नहीं करता है, इसलिए इस विशेष तथ्य को हमेश ध्यान में रखे ।
 
 

टारगेट कैसे सेट करे?

टारगेट अक्सर नेकलाइन से नीचे तक बॉटम की दूरी को मापकर ऊपर की और सेट किया जाता है, जैसे की अगर नेकलाइन से बॉटम की दुरी 50 पॉइंट है तोह ऊपर की और आप 50 पॉइंट का टारगेट सेट कर सकते है । या फिर स्तिथि के हिसाब से आप अपने रिस्क और रिवॉर्ड रेश्यो को मेन्टेन करते हुए भी टारगेट सेट कर सकते है

 
 
 

4. बुल फ्लैग चार्ट पैटर्न

बुल फ्लैग चार्ट पैटर्न
 
बुल फ्लैग पैटर्न एक स्ट्रांग बुलिश कंटिन्यूएशन चार्ट पैटर्न है, यह चार्ट पैटर्न किसी भी शेयर व इंडेक्स में तेजी बने रहने का संकेत देता है, इसका अर्थ यह है की जो ट्रेंड चला आ रहा है आगे भी वही ट्रेंड कंटिन्यू रहेगी । बुल फ्लैग चार्ट पैटर्न शार्ट टर्म तथा मध्यम टर्म के ट्रेडिंग में इस्तेमाल किया जाता है।
 
 

बुल फ्लैग पैटर्न का निर्माण कैसे होता है?

बुल फ्लैग पैटर्न का निर्माण तब होता है जब स्टॉक या इंडेक्स का प्राइस अपने अपट्रेंड में होता है, इसी तेजी को फ्लैग का पोल कहा जाता है ।
 
शेयर या इंडेक्स में एक स्ट्रांग अपट्रेंड के दौरान प्राइस एक रेजिस्टेंट बनाता है , उसके बाद प्राइस मूव होते-होते एक कंसोलिडेशन पीरियड में चला जाता है ।
 
 
साथियो इस कंसोलिडेशन के समय प्राइस एक सिमित रेंज में ही रहता है, जैसा की आप ऊपर इमेज में देख सकते है। इस कंसोलिडेशन के समय प्राइस का झुकाब निचे की और होता है जिसे हम फ्लैग कह सकते है, जो की छोटे -छोटे सपोर्ट और रेजिस्टेंट से बनता है ।
 
 

एंट्री

इस Bullish Chart Patterns में एंट्री तब लेना है जब कीमत फ्लैग की ऊपरी बॉउंड्री से ऊपर टूट जाती है, उसके बाद आप इस पैटर्न में एंट्री ले सकते है ।

स्टॉपलॉस

हमेशा आपको इस पैटर्न में झंडे की निचली बॉउंड्री के नीचे स्टॉप-लॉस सेट करना है ।

टारगेट

हमेशा की तरह टारगेट फ्लैग प्लॉट से लेकर रेजिस्टेंट ब्रेकआउट पॉइंट के बिच की दुरी को मापकर ऊपर की और टारगेट सेट करे ।

 

5. इनवर्स हेड एंड शोल्डर पैटर्न

इनवर्स हेड एंड शोल्डर पैटर्न एक बुलिश रिवर्सल पैटर्न है, जिसमें तीन लो होते हैं, जिसमें मिडिल लो (हेड) होता है और अन्य दो (कंधों) जो की हेड से कम होता है।
इनवर्स हेड एंड शोल्डर पैटर्न
 

इनवर्स हेड एंड शोल्डर पैटर्न कब बनता है ?

इनवर्स हेड एंड शोल्डर पैटर्न एक पॉपुलर Bullish Chart Patterns जो मुख्य रूप से डाउन ट्रेंड में बनता है ,इसमें तीन मुख्य भाग होते हैं: दो कंधे और एक सिर, जो एक व्यक्ति के सिर और कंधों को उलटी स्थिति में दर्शाता हैं।
 
इनवर्स हेड एंड शोल्डर पैटर्न तब बनता है जब स्टॉक या फिर इंडेक्स का प्राइस डाउन ट्रेंड में हो, जब प्राइस गिरकर एक सपोर्ट लेवल जिसे पहला शोल्डर कहा जा सकता है को बनाकर ऊपर की और बढ़ता है तब ऊपर फिर एक रेजिस्टेंट बनाकर निचे गिरने लगता है।
 
इस बार प्राइस पिछले सपोर्ट से थोड़ा निचे तक गिरता है जिसे हेड कहते है, उसके बाद फिर प्राइस सपोर्ट बनाकर ऊपर निकल जाता है, इस बार फिर प्राइस उसी रेजिस्टेंट से निचे अपने पहले शोल्डर के सपोर्ट तक गिरता है, इस बार प्राइस रेजिस्टेंट लाइन को ब्रेक कर एक शार्प Upside रैली में चला जाता है ।
 
 इस प्रकार इनवर्स हेड और शोल्डर पैटर्न का निर्माण होता है ।
 
 
 

इनवर्स हेड एंड शोल्डर पैटर्न को चार्ट पर कैसे पहचाने?

इनवर्स हेड एंड शोल्डर पैटर्न को चार्ट पर पहचानने के लिए इन तीन एलिमेंट्स को देखे

 
शोल्डर: साथियों ये दो छोटी चोटियाँ हैं जो केंद्रीय शिखर यानि (सिर) के प्रत्येक तरफ बनती हैं। दरअसल ये कंधे मोटे तौर पर समान प्राइस लेवल पर होने चाहिए और सिर से नीचे दिखाई देने चाहिए।
 
 
सिर: साथियों यह सेंट्रल पीक यानि चोटी है, जो पैटर्न का उच्चतम बिंदु है। यह कंधों से ऊंचा होना चाहिए और एक विशिष्ट आकार का होना चाहिए।
 
 
नेकलाइन: यह सिर और कंधों के पैटर्न के नीचे क्षैतिज रूप से खींची गई एक रेखा है, जो दो कंधों के सबसे निचले बिंदुओं को जोड़ती है। यह एक सपोर्ट लेवल के रूप में कार्य करता है ।
 

इनवर्स हेड एंड शोल्डर पैटर्न में ट्रेड कैसे ले?

चलिए अब जानते है इनवर्स हेड एंड शोल्डर Bullish Chart Patterns में , एंट्री, स्टॉप लॉस और टारगेट कैसे सेट करे!
 
 
एंट्री: आपको आमतौर पर एक ट्रेड में एंट्री तब करना हैं जब कीमत दाहिने कंधे के पूरा होने के बाद नेकलाइन के ऊपर ब्रेकआउट दे। साथियो नेकलाइन के ऊपर यह ब्रेकआउट एक संकेत माना जाता है कि आगे भी तेजी जारी रह सकती है। साथियों ट्रेड में एंट्री लेने से पहले ब्रेकआउट कन्फर्मेशन का वेट करे।
 
 
स्टॉप लॉस: इसमें खरीददारी करने के बाद आप नेकलाइन के ठीक नीचे अपना स्टॉप लॉस सेट कर सकते हैं। अगर मर्कटे आपके विरुद्ध चलती है तोह यह आपको संभावित नुक्सान से बचाये रखेगा ।
 
 
टारगेट: साथियों टारगेट आप नेकलाइन से सिर तक की वर्टीकल दूरी को मापकर, उसी समान दुरी को ऊपर ब्रेकआउट के बाद सेट कर सकते है। जो आपका पहला टारगेट होगा ।
 

6. फॉलिंग वेज चार्ट पैटर्न

फॉलिंग वेज पैटर्न एक बुलिश रिवर्सल पैटर्न है जो नीचे की ओर ढलान वाली ट्रेंड लाइन्स को मिलाकर बनता है ।

फॉलिंग वेज पैटर्न कैसे बनता है?

falling wedge chart pattern
 
साथियों फॉलिंग वेज एक बुलिश रेवेर्सल चार्ट पैटर्न है, जो अक्सर तब बनता है जब किसी स्टॉक या फिर इंडेक्स की कीमत लोअर हाई और लोअर लो बना रही होती है, लेकिन हाई और लो के बीच की समय सीमा के साथ-साथ संकरी होती जाती है, जिससे वेज जैसा आकार बन जाता है, जैसा की आप ऊपर इमेज में देख सकते है।
 
 
इस Bullish Chart Patterns में स्लोपिंग रेजिस्टेंट और स्लोपिंग सपोर्ट के बिच ही प्राइस कंसोलिडेशन में ही मूव करता रहता है जिसका झुकब निचे की और होता है, जो संकेत देता है की अब डाउन ट्रेंड ख़तम हो चूका है, अब यहाँ से स्टॉक या इंडेक्स अपने अपट्रेंड में बापस बदलने वाला है ।
 

फॉलिंग वेज में एंट्री कब ले?

एंट्री: फॉलिंग वैज चार्ट पैटर्न में एंट्री तब ले जब प्राइस ऊपरी ट्रेंडलाइन से ऊपर टूट जाती है। साथियों यह ब्रेकआउट बताता है कि अब स्टॉक या इंडेक्स में खरीदारी का दबाव बढ़ रहा है, और डाउनट्रेंड पलट कर अपट्रेंड में बदल सकता है। साथियों ट्रेड में एंटर होने से पहले कन्फर्मेशन का वेट जरूर करे ।
 
 
 
स्टॉपलॉस : साथियो फॉलिंग वेज में स्टॉप लोस् को प्लेस करने के लिए बेस्ट प्लेस होता है वेज के अंदर का सबसे रीसेंट स्विंग लो जी हाँ, आप इस स्तर के नीचे स्टॉप लॉस सेट कर सकते है ।
 
 
 
टारगेट : साथियों टारगेट सेट करने के लिए सबसे पहले पैटर्न की हाइट को सपोर्ट और रेजिस्टेंट के हाई और लौ के बिच मापे, उसके बाद जितना हाइट आपने मापा है उतना हाइट का टारगेट आप ब्रेकआउट के बाद ऊपर की और सेट कर सकते है । या फिर स्तिथि के हिसाब से भी आप अपना टारगेट सेट कर सकते है ।
 

7. सीमेट्रिकल ट्रायंगल पैटर्न

सीमेट्रिकल ट्रायंगल पैटर्न एक कंटीन्यूएशन चार्ट पैटर्न है, यह पैटर्न दो कन्वर्जिंग ट्रेंड लाइन द्वारा बनता है । जो कुछ इस प्रकार ट्रायंगल जैसी आकृति का दीखता है जैसा की आप इमेज में देख सकते है ।
 
सीमेट्रिकल ट्रायंगल पैटर्न

सीमेट्रिकल ट्रायंगल पैटर्न कैसे बनता है?

साथियो सिमेट्रिकल ट्राइएंगल एक कंटीन्यूएशन चार्ट पैटर्न है, जो तब बनता है जब मार्किट अपट्रेंड में हो और जब किसी स्टॉक या इंडेक्स की प्राइस दो कन्वर्जिंग ट्रेंडलाइन के बीच चलती रहती है, जिससे एक त्रिकोणीय आकार का एक पैटर्न बनता है जिसे सीमेट्रिकल ट्रायंगल पैटर्न कहते है ।
 
 
साथियों यह Bullish Chart Patterns बाजार में कंसोलिडेशन या अनिर्णय की स्तिथि को दर्शाता है, जहां Buyer और सेलर एक बैलेंस स्टेट में होते हैं।
 

सीमेट्रिकल ट्रायंगल पैटर्न को कैसे पहचाने?

सीमेट्रिकल ट्रायंगल पैटर्न को पहचानने के लिए आपको दो टट्रेंड लाइन खींचनी होंगी । जिसमे ऊपरी ट्रेंडलाइन स्विंग हाईज़ को जोड़ती है, जबकि निचली ट्रेंडलाइन स्विंग लोज़ को जोड़ती है।
 
 
जैसे-जैसे प्राइस इन Trendlines के बीच घूमती रहती है, वैसे-वैसे सीमेट्रिकल ट्रायंगल पैटर्न और अधिक स्पष्ट रूप से दिखने लगता है। जैसा की आप ऊपर इमेज में देख सकते है ।
 

चलिए अब जानते है की इस सीमेट्रिकल ट्रायंगल पैटर्न में ट्रेड कैसे ले?

एंट्री: सीमेट्रिकल ट्रायंगल पैटर्न में एंट्री लेने के लिए, आप कीमत के ऊपरी ट्रेंडलाइन के ऊपर टूटने तक इंतज़ार सकते हैं, उसके बाद कन्फोर्मशन मिलते ही आप ट्रेड में एंट्री ले सकते है ।
 
 
 
स्टॉप -लॉस : आप अपना स्टॉप लॉस ब्रेकआउट के ठीक विपरीत दिशा में सेट कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, अगर प्राइस ऊपरी ट्रेंडलाइन के ऊपर टूट जाती है, तो आप अपने स्टॉप लॉस को निचली ट्रेंडलाइन से थोड़ा नीचे रख सकते हैं ।
 
 
टारगेट: साथियों टारगेट सेट करने के लिए आप सीमेट्रिकल ट्रायंगल पैटर्न के सबसे हाईएस्ट पॉइंट से लोवेस्ट पॉइंट के बिच की दुरी मापे। उसके बाद उस दूरी को ब्रेकआउट की दिशा में प्रोजेक्ट करें। यह आपका टारगेट पॉइंट होगा ।
 

8. बुलिश रेक्टेंगल चार्ट पैटर्न

बुलिश रेक्टेंगल चार्ट पैटर्न एक कंटीन्यूएशन और कंसोलिडेशन चार्ट पैटर्न है, यह Bullish Chart Patterns तब बनता है, जब प्राइस दो Parallel सपोर्ट और रेजिस्टेंट के बिच ट्रेड करता है ।
 
बुलिश रेक्टेंगल चार्ट पैटर्न

बुलिश रेक्टेंगल चार्ट पैटर्न कैसे बनता है?

साथियों यह एक बुलिश रेक्टेंगल चार्ट पैटर्न है जो की एक संभावित बुलिश अपट्रेंड को दर्शाता है, यह मुख्य रूप से तब बनता है जब स्टॉक या फिर इंडेक्स अपट्रेंड से कंसोलिडेशन और sideways मूवमेंट में चला जाता है । रेक्टेंगल शेप जैसा दीखता है जैसा की आप ऊपर इमेज में देख सकते है ।
 
 
जब प्राइस इसी दो लेवल, सपोर्ट और रेजिस्टेंट लेवल की बिच ही घूमता है तब जाकर इस Bullish Chart Patterns का निर्माण होता है ।
 
 

बुलिश रेक्टेंगल चार्ट पैटर्न की पहचान कैसे करे?

बुलिश रेक्टेंगल चार्ट पैटर्न को पेहचानने के लिए इन बातो का ध्यान रखे ।

  • पिछला अपट्रेंड: बुलिश रेक्टेंगल पैटर्न के बनने से पहले एक क्लियर शार्प अपट्रेंड होना चाहिए।
  • सपोर्ट लेवल: रेक्टेंगल के लोअर हॉरिजॉन्टल लाइन को बनाने के बाद , प्राइस को किसी एक स्पेसिफिक जगह पर बार-बार सपोर्ट मिलना चाहिए ।
  • रेजिस्टेंट लेवल: रेक्टेंगल के ऊपरी हॉरिजॉन्टल लाइन को बनाने के बाद,प्राइस को किसी एक स्पेसिफिक जगह पर बार-बार रेजिस्टेंट मिलना चाहिए ।
  • कंसोलिडेशन: प्राइस को सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल्स के बीच साइडवेज तरीके से बढ़ना चाहिए, बिना किसी नई हाई और लौ को बनाये।
 

बुलिश रेक्टेंगल चार्ट पैटर्न में ट्रेड कैसे ले?

चलिए अब, बुलिश रेक्टेंगल चार्ट पैटर्न में ट्रेडिंग के लिए एंट्री, स्टॉप-लॉस और टारगेट लेवल पर चर्चा करते हैं ।
 
एंट्री: साथियों जैसा की हम जानते है की एंट्री पॉइंट आमतौर पर तब होता है जब प्राइस रेक्टेंगल पैटर्न के रेजिस्टेंट लेवल से ऊपर टूट जाती है। साथियों यह ब्रेकआउट बताता है कि स्टॉक या इंडेक्स में तेजी की गति जारी रहने की संभावना और अधिक है। जब एक बार प्राइस रेजिस्टेंट लेवल से ऊपर क्लोज हो जाए तब आप इसमें एंट्री ले सकते है ।
 
स्टॉपलॉस: साथियों इस Bullish Chart Patterns में आप स्टॉपलॉस रेक्टेंगल की हाइट के हाफ पॉइंट का स्टॉपलॉस लगा सकते है। चलिए इसे एक उदाहरण से समझते है, अगर रेक्टेंगल की हाइट 30 पॉइंट है तोह इसका आधा 15 पॉइंट होगा यानि जितना भी रेक्टैंगले की हाइट वैल्यू है उसे 2 से भाग कर डस्टॉपलॉस निकल सकते है । यही आपका स्टॉपलॉस होना चाहिए ।
 
टारगेट: साथियों हमेश की तरह पैटर्न की हाइट को मापकर आप टारगेट निकल सकते है ।
 
 
आपके लिए बोनस टिप : जैसा की मेने पहले आपको बताया की चार्ट पैटर्न्स 100 % काम नहीं करता है । हालाँकि कोई भी स्ट्रेटेजी 100 काम नहीं करता है इसलिए इन  Bullish Chart Patterns को यूज़ करते बक्त आप इन इंडीकेटर्स को यूज़ कर सकते हो अपने ट्रेडिंग को और बेहतर बनाने के लिए ।
 
  • MACD – moving average convergence divergence
  • RSI – Relative Strength Index
  • Volume
 

Conclusion

 
साथियों आज इस आर्टिकल में मेने आपको टॉप 8 Bullish Chart Patterns को एक -एक करके डिटेल में समझाया है, क्यूंकि ट्रेडिंग और इन्वेस्टिंग में चार्ट पैटर्न्स टेक्निकल एनालिसिस का इम्पोर्टेन्ट हिस्सा है जिसे इग्नोर नहीं किया जा सकता है ।
 
साथियों यह वह 8 Bullish Chart Patterns है जो बड़े- बड़े ट्रेडर्स यूज़ करते है हालाँकि मै भी अपने ट्रेडिंग डेज में इन्ही चार्ट पैटर्न्स का यूज़ करता हु क्यूंकि इनकी एक्यूरेसी काफी हाई होती है ।
 
मुझे उम्मीद है मेरे द्वारा दिया गया सभी इनफार्मेशन आपके लिए वैल्युएबल होगा, अगर आपका इस आर्टिकल से रिलेटेड कोई भी सवाल है तोह आप हमें कमेंट करके पूछ सकते है। और अंत में अपना कीमती वक़्त देने के लिए धन्यवाद !
 
 

FAQs

Q1. Bullish Chart Patterns को कहा-कहा यूज़ कर सकते है?

बुलिश चार्ट पैटर्न का यूज़ स्टॉक, कमोडिटी, करेंसी और क्रिप्टो में भी किया जाता है ।

Q2. क्या बुलिश चार्ट पैटर्न 100 % काम करता है?

नहीं, Bullish Chart Patterns 100 % काम नहीं करता है, इसलिए इनके साथ अन्य टेक्निकल इंडीकेटर्स जरूर से यूज़ करे ।

Q3. कौन से चार्ट पैटर्न बुलिश हैं?

यह चार्ट पैटर्न्स बुलिश है जैसे, कप और हैंडल चार्ट पैटर्न , बुल फ्लैग, डबल बॉटम और बुलिश रेक्टेंगल आदि ।

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